Wednesday 28 December 2016

किरदार मिलते हैं...(Canvas doesn’t matter, Strokes do)

छोटी-छोटी फिल्मों में बड़ी भूमिकाएं हों या बड़ी-बड़ी फिल्मों में छोटा सा रोल; कुछ ख़ास लोग अपने अभिनय की धार कभी कुंद नहीं पड़ने देते. ‘सहायक अभिनेता’ के ठप्पे के नीचे अक्सर फिल्म के सबसे दमदार अभिनेता दबे पड़े मिलते हैं. फिल्म जब ठंडी पड़ने लगती, इनका दिख भर जाना अलाव सी गर्माहट दे जाता है. अपने किरदार के चटख रंगों से बेरंग फिल्मों को परदे पर एक बार फिर जिंदा करने का हुनर बखूबी आता है इन्हें. हर फिल्म आपके साथ थिएटर से घर तक चली आये, मुमकिन नहीं, पर इन किरदारों को झटक के हटा पाना अपने ज़ेहन से इतना आसान भी नहीं.

साल 2016 में इन 15 अभिनेताओं ने अपनी कमाल की अदाकारी से न सिर्फ अपने लिए तालियाँ बटोरी हैं, बल्कि आपको पूरी तरह अचंभित भी किया है. ‘लाल रंग’ में औरतों की तरह बोलने वाले औघड़ की भूमिका में कुमार सौरभ हों, या ‘नीरजा’ में पागलपन की हद पार कर जाने वाले आतंकवादी बने जिम सरभ! कौन भूल सकता है ‘सुल्तान’ में सलमान खान के उस दोस्त (अनंत विधात शर्मा) को, जिसे अच्छी एक्टिंग के उम्मीद में हम फिल्म के बीचोंबीच ढूँढने लगते थे, या फिर ‘फोबिया’ की उस बातूनी टॉमबॉय (यशस्विनी दायमा) को!! हरेक को, और सभी को बड़ा वाला ‘थैंक यू’...!     

# रिया शुक्ला, निल बट्टे सन्नाटा में
# सिद्धांत बहल, जुगनी में
# प्रतीक बब्बर, अमरीका में
# सुरवीन चावला, पार्च्ड में
# प्रियांशु पेंयुली, रॉक ऑन 2 में
# पूरब कोहली, एयरलिफ्ट में
# कुमार सौरभ, लाल रंग में
# कीर्ति कुल्हारी, पिंक में
# सिकंदर खेर, तेरे बिन लादेन-डेड ऑर अलाइव में
# अनंत विधात शर्मा, सुल्तान में
# साक्षी तंवर, दंगल में
# मानव विज, उड़ता पंजाब में
# अमृता सुभाष, रमन राघव 2.0 में
# जिम सरभ, नीरजा में
# यशस्विनी दायमा, फोबिया में    


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